जीवन व्यतीत करना करना क्या होता है, पूछ कर देखना उनसे कभी जो इस छाँव से जुदा होते है बाँट नहीं सकते अपनी कशमकश भरे जीवन के दुख-दर्द किसी के साथ जो सिर्फ एक पिता ही समझ सकते हैं जो सही राह दिखा कर जीवन में उन्नति कर अपना मुकाम हासिल कराने में हर लम्हा साथ रहते हैं वो आशियां अधूरा सा लगता है,जहाँ एक पिता की कमी खलती है,सब कुछ होते हुए भी जीवन में जानें क्यों एक खालीपन सा एक ठहराव सा लगता है, अनाथ सा लगता जीवन जब ये छाँव नहीं रहती दर्द ए गम बहुत है मगर अल्फाज़ कम, यही है बस एक बीटिया "तरूणा" का अपने पिता को खो देने का दर्द जो हर लम्हा छलकता है पर कहती कभी किसी से नहीं...! ♥️ Challenge-605 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ Happy Father's Day ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।