अधर गुलाब हैं मुखड़े पे चाँद रक्खा है प्रतीत होता है अम्बर से नूर उतरा है अनादि काल से बोझिल घनेरी पलकों पर बता दो आज मुझे बोझ मदने! किसका है? ©Ghumnam Gautam #नूर #अधर #मुखड़ा #ghumnamgautam