हम अपने आसुं को चुन रहे हैं सितारे क्यों जल भून रहे हैं कभी उसका तबस्सुम छु गया था उजाले आज तक सर ढूंढ रहे हैं अभी मत छेड़ जिक्रे मोहब्बत जलालुद्दीन अखबार सुन रहे हैं कुछ नहीं करेगा जलालुद्दीन अखबार, सुनने दो उन्हें