Nojoto: Largest Storytelling Platform

बाग हमेशा जमीन पर नहीं कभी पन्नों पर भी खिलते हैं,

बाग हमेशा जमीन पर नहीं
कभी पन्नों पर भी खिलते हैं,
जब फूल सा मुस्कुराती हूं मैं
शब्द-फूल को पढ़ के,
जब कभी खुश तो कभी अचंभित
हो जाती हूं कुछ नया समझ के,
जैसे होती है
एक नए फूल से पहचान,
तो कभी रूबरू होती हूं
अपने अंदर कहीं बैठी कली से,
और कभी कबार लगा लेती हूं
एक पौधा मैं भी अपने शब्दों से,
क्योंकि बाग हमेशा जमीन पर नहीं
कभी पन्नों पर भी खिलते हैं। ✍️🧡🧡✍️
#loveforbooks #loveforwords #loveforpoems  #beingreader #beingwriter #rzpicprompt2986 #hindipoems #grishmapoems
 
Collaborating with Rest Zone
बाग हमेशा जमीन पर नहीं
कभी पन्नों पर भी खिलते हैं,
जब फूल सा मुस्कुराती हूं मैं
शब्द-फूल को पढ़ के,
जब कभी खुश तो कभी अचंभित
हो जाती हूं कुछ नया समझ के,
जैसे होती है
एक नए फूल से पहचान,
तो कभी रूबरू होती हूं
अपने अंदर कहीं बैठी कली से,
और कभी कबार लगा लेती हूं
एक पौधा मैं भी अपने शब्दों से,
क्योंकि बाग हमेशा जमीन पर नहीं
कभी पन्नों पर भी खिलते हैं। ✍️🧡🧡✍️
#loveforbooks #loveforwords #loveforpoems  #beingreader #beingwriter #rzpicprompt2986 #hindipoems #grishmapoems
 
Collaborating with Rest Zone