जो मंज़िल तक नहीं जाते । उसके दर तक नहीं जाते । उसके घर तक नहीं जाते । गुज़ार दिए बरसों , उनकी तलाश मे , रहगुज़र से उसकी , आते -जाते । निभाएंगे हर हाल मे , रस्मे वफा हम , चाहे मौत ही क्यों न आजाए,निभाते निभाते । एक ख़ूबसूरत #collab Aesthetic Thoughts की ओर से। #वोरास्ते #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi