बोलो ना जो गलती की क्या उसे फिर दोहरा लूं? सोचती हूं फिर से तुम्हे मना लूं सबसे दूर खुद के पास बिठा लूं दो गला करूं और थोड़ा मुंह भी फूला लूं जो गलती की बोलो ना उसे फिर दोहरा लूं वो बादल के लगते ही तुमको बुला लूं बारिश के इंतजार में घंटो गुजार दूं आए जो बारिश तो भींग कर उसमे तुमसे थोड़ा डांट भी खा लूं डांट से होकर गुस्सा मुंह मैं घुमा लूं ना देखने पर मन ही मन खिलखिला लूं बोलो ना जो गलती की क्या उसे फिर दोहरा लूं? सोचती हूं फिर तुमको मना लूं ©Kanak Tiwari #बोलो… #ना Versha Kashyap Prashant Shakun "कातिब" Manali Rohan