क्या है पहचान मेरी ? सूरत तेरी नाम तेरा और काम मेरा ? किस काम का बेनाम सा वक़्त दिया है मैंने ! बेवजह गवाया है चैन अपना कुछ नहीं पहचान तेरी... #pehchan #dariya नहीं मैं मोहताज तेरी खुद बनाऊंगी पहचान मेरी #दरिया #पहचान_मेरी