टूटा हूँ,बिखरा हूँ,फिर भी दास्तान ए इश्क लिख रहा हूँ, अंधेरों में तो कुछ और हूँ,उजालों में जो तुम्हें दिख रहा हूँ, यह इश्क की नौकरी कुछ एसी है, चार दिन का इश्क किया,उस चार दिन की तन्ख्वाह पाने के लिए, हर दिन हर रोज बिक रहा हूँ, कद्र नहीं है इश्क की इस शहर में, नौकरी नहीं देता कोई,जो तजुर्बे में कहूं, "चार दिन आशिक रहा हूँ" ।। #adhuraishq #yqbaba #love #yqdidi #hindi #gazal #shayari #afterlove