अपनी संस्कृति अपना गौरव अपनी सुगंध अपना सौरभ अपनी सुकला अपना दर्शन अपनी धारा अपना चिंतन अपना आध्यात्म योग अपना अपना ही त्याग भोग अपना आओ अपनाएं पुनः सभी फिर विश्व गुरू हो राष्ट्र तभी #योगदिवस # #निर्जला एकादशी# ©Prakash Vats Dubey #YogaDay2019