मांझी मेरा मुझसे पूछता हैं... मुकम्मल हुई क्या तेरी मोहब्बत...जिनके लिए ख्वाब सजाये थे तुमने... करी क्या उसने जज्बातों की कदर.... और भला में क्या कहता...अधूरी दास्तां थी इश्क़ की... थोड़ी वफ़ा उसने भी की होती... तो शायद कहानी इश्क़ की आज पूरी होती.... arun✍️... #arunendra.