मैं बिगड़ी हुई अपनी तक़दीर देखता हूँ सबसे छुप के रातों को तेरी तस्वीर देखता हूँ मैं रांझे सा बना गया हूँ इश्क़ में तेरे तुझमे अपनी खोई होई हीर देखता हूँ कभी मेरे ही हाथों में था,तेरा उम्र भर का साथ अब मिटी हुई हाथों की वो लक़ीर देखता हूँ तू पास है मेरे,मेरी रूह सा मुझमे पर खुद को तुझसे बड़ी ही दूर देखता हूँ तू नायाब है किसी के किस्मत के ख़ज़ाने सा होगा मुझे भी हासिल, ये ख़्वाब ज़रूर देखता हूँ तुझे ही मांगने आता हूँ, तुमसे हर रोज़ मैं ख़ुद को तेरे दर का फ़क़ीर देखता हूँ ओ हमदम हमनवा, तू ही तो है दर्दो की दवा ओ हमदम हमनवा, तेरे बिना अब जाये कहाँ #shatif #love #atifmast #quoteoftheday #yqhindi #yqdidi #poetry