"मध्यमवर्गीय" चादर भले ही छोटी है पर अरमान बड़ा है हर दिन संघर्षों का कोई आयाम खड़ा है। (पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें) चादर भले ही छोटी है पर अरमान बड़ा है हर दिन संघर्षों का कोई आयाम खड़ा है। संघर्षों से वर्जिश हमको ताज़ा दम बनाते छोटे मोटे झटके तो आकर ही शरमाते। मैनेजमेंट के सारे नुस्खे जीवन में उतारे रहते।