मैं कह पता कुछ इतना कहां अब वक़्त बचा था, अब तो बस सामने वो रास्ता खड़ा था। जहां उनका हमसे ना अब कोई राब्ता बचा था, ए इश्क़ के खुदाया कुछ तो रहमत दिखाता। क्यों इस कमबख्त जुबां को चुप रखा, कहने देता मुझे भी हक़ीक़त इस वक़्त की। ए खुदा इस काश की तलाश तो पूरी होती, मेरी भी उसको पाने की वो हसरत पूरी होती। -✍️uvraj_singh_meen #naeeb_hai_par_yakin_nahi🙏🙏😅