ज़िंदगी दिसंबर सी अब ज़िंदगी हो गई है दिसंबर-सी, घने कोहरे-सी, कठोर पत्थर-सी, हर पल सूना-सूना लगता है, जैसे कोई ज़मीन हो बिना अम्बर-सी, जाने कब बन गई सूखी राख़ जैसी, थी जो ज़िंदगी कभी संगमरमर-सी | #December #life #love #pain #heart #quotes #friends #memories