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اسی کی یاد میں دن رات اشک بار ہے چشم وہ ایک شخص م

اسی کی یاد میں دن رات اشک بار ہے چشم 
وہ ایک شخص مرا اب کے جو رہا بھی نہیں..
'مہندر کمار ثانی'

دوستو، آداب۔
"وہ ایک شخص" اس ترکیب کو نظم کریں۔

شکریہ۔
 दोस्तो आदाब।

उसी की याद में दिन रात अश्क बार है चश्म
वो एक शख़्स मिरा अब के जो रहा भी नहीं..
महेंद्र कुमार सानी' 

चश्म - आँखें
'वो एक शख़्स' इस तरकीब को नज़्म करें।
اسی کی یاد میں دن رات اشک بار ہے چشم 
وہ ایک شخص مرا اب کے جو رہا بھی نہیں..
'مہندر کمار ثانی'

دوستو، آداب۔
"وہ ایک شخص" اس ترکیب کو نظم کریں۔

شکریہ۔
 दोस्तो आदाब।

उसी की याद में दिन रात अश्क बार है चश्म
वो एक शख़्स मिरा अब के जो रहा भी नहीं..
महेंद्र कुमार सानी' 

चश्म - आँखें
'वो एक शख़्स' इस तरकीब को नज़्म करें।