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जिंदगी से लड़ के, जब मुड़ा उससे दूर रास्ता था पथरी

जिंदगी से लड़ के, जब मुड़ा उससे दूर
रास्ता था पथरीला, और मैं थकान से चूर
          बदरी कहीं चली गई थी
          परछाई भी दूर खड़ी थीं
नंगे पैरों के छालों पे, चलके वापस आया हूं
        अपने आंचल में ले लो मुझे
        दुनिया से लड़ के आया हूं....!
- Rahul Kavi Alone but happy.. 
#alone
जिंदगी से लड़ के, जब मुड़ा उससे दूर
रास्ता था पथरीला, और मैं थकान से चूर
          बदरी कहीं चली गई थी
          परछाई भी दूर खड़ी थीं
नंगे पैरों के छालों पे, चलके वापस आया हूं
        अपने आंचल में ले लो मुझे
        दुनिया से लड़ के आया हूं....!
- Rahul Kavi Alone but happy.. 
#alone
rahulkavi4076

Rahul Kavi

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