एक तरफा इश्क़ कुछ मजबूर सा लगता है, कुछ बेबाक सा लगता है। हक है मेरा जिस पर, ये इश्क़ उस अजनबी सा लगता है। बुन बैठे थे जो खवाब कच्ची डोर से, किसी बिखरी माला के मोती सा लगता है। वो सवाल जिसका जवाब न हो ये इश्क़ खुद में उलझी पहेली सा लगता है। पतझड़ के सूखे पत्तों की तरह शाख से गिरे गुलाब सा लगता है। मांगी हो टूटे तारे से जो दुआ, एक तरफा इश्क़ अधूरे चाँद सा लगता है। हर किसी की ज़िन्दगी में एक न एक बार ये एक तरफ़ा इश्क़ दस्तक ज़रूर देता है। इसकी दास्तान बड़ी अजीबो-ग़रीब होती है। #एकतरफ़ाइश्क़ #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi