चला बहुत हूँ पर डगर बाकी है। न ठहरेंगे हम यह खबर बाकी है। राह में मुश्किल तो यूँ आती रहेगी, दूर जाना है बहुत सफ़र बाकी है। तुम्हारी यादों का आलम ऐसा कि बहुत रात गयी पर असर बाकी है। अगर ये दिल कोई कैदखाना होता, चाँद सी सूरत दर ओ दर बाकी है। तुम मुझसे वक़्त की बात करते हो खैरियत मिलती पर नज़र बाकी है। यह शब ए स्याह कितनी तबील हो मुझे यकीं है अभी फ़ज़र बाकी है। यह मिरा दिल ज़हरबाद सा चुभता तिरी शोख़ नज़रों का नश्तर बाकी है। अपनी मुहब्बत को कहाँ सुकूँ दे दूँ, मकां तो बन गया पर घर बाकी है। दुनिया बेमुरव्वती के सब दांव चलेगी मगर मेरे हौसले का मंज़र बाकी है। इश्क़ का सिलसिला चले जहाँ तक, अनाम यादों का शहर अभी बाकी है। #shamaurtanhai #anam #313 #365days365quotes #shahar #safar #asar