Nojoto: Largest Storytelling Platform

Inflation  हेलो फ्रेंड्स आज हम बात करेंगे Infl

Inflation 


हेलो फ्रेंड्स


आज हम बात करेंगे Inflation अर्थात मुद्रास्फीति की जिसे आम भाषा में लोग महंगाई समझते हैं।


पिछले कुछ महीनों से यह मुद्रास्फीति एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इससे भारत समेत विश्व के अनेकों देश बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका भी इसकी मार झेल रहा है जहाँ महंगाई चार दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।


सभी देशों की सरकारें और केंद्रीय बैंक इस पर काबू पाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं पर अभी तक कोई सफल परिणाम हासिल नहीं हो पाया है। इसी कड़ी में कुछ केन्द्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ानी शुरू कर दी है। US फेड ने भी मार्च से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की बात दोहराई है।


इसका प्रभावी असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। अक्टूबर 2021 में 18604 के उच्चतम स्तर को छूने के बाद से निफ्टी में बिकवाली का जो दौर शुरू हुआ वह अब तक जारी है जिसे हवा दे रहा है, अमेरिका का शेयर बाजार और वहां की मुद्रास्फीति।


विशेषज्ञों का मानना था कि फेडरल रिजर्व एक चौथाई प्रतिशत ब्याज दर बढ़ायेगा पर अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बढ़ोत्तरी आधे प्रतिशत की भी हो सकती है। कितनी बार ब्याज दरें बढ़ाई जायेंगी, उस पर भी कई मत है। इससे बाजार में भ्रम का माहौल और दबाव बना हुआ है।


जो भी हो ब्याज दरें बढ़ने से मार्केट में लिक्विडिटी क्राइसिस आयेगी और इससे शेयर बाजार में प्रभावशाली बिकवाली देखने को मिल सकता है। ऐसे में शार्ट टर्म ट्रेडर्स को सावधानी बरतनी चाहिए और स्ट्रिक्ट स्टाप लास मेंटेन करना चाहिए। वहीं लांग टर्म इन्वेस्टरों को, यदि ऐसा मौका मिलता है तो उसका लाभ उठाना चाहिए और निचले स्तर पर अच्छे शेयरों में खरीददारी करके बेहतर पोर्टफोलियो बनाना चाहिए।


भारत में ग्रोथ स्टोरी बहुत बेहतर है और जैसे ही यह समस्या खतम होगी, बाजार में फिर से रफ्तार दिखाई देने के आसार है। पर तब तक आपको धीरज बनाये रखना होगा।


आपके बेहतर इनवेस्टमेंट लाभ की हम कामना करते हैं। हमसे जुड़े रहने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल "Smart Bulls" को सब्सक्राइब करें। धन्यवाद।

©Tarakeshwar Dubey Inflation

#promiseday
Inflation 


हेलो फ्रेंड्स


आज हम बात करेंगे Inflation अर्थात मुद्रास्फीति की जिसे आम भाषा में लोग महंगाई समझते हैं।


पिछले कुछ महीनों से यह मुद्रास्फीति एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इससे भारत समेत विश्व के अनेकों देश बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका भी इसकी मार झेल रहा है जहाँ महंगाई चार दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।


सभी देशों की सरकारें और केंद्रीय बैंक इस पर काबू पाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं पर अभी तक कोई सफल परिणाम हासिल नहीं हो पाया है। इसी कड़ी में कुछ केन्द्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ानी शुरू कर दी है। US फेड ने भी मार्च से ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की बात दोहराई है।


इसका प्रभावी असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। अक्टूबर 2021 में 18604 के उच्चतम स्तर को छूने के बाद से निफ्टी में बिकवाली का जो दौर शुरू हुआ वह अब तक जारी है जिसे हवा दे रहा है, अमेरिका का शेयर बाजार और वहां की मुद्रास्फीति।


विशेषज्ञों का मानना था कि फेडरल रिजर्व एक चौथाई प्रतिशत ब्याज दर बढ़ायेगा पर अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यह बढ़ोत्तरी आधे प्रतिशत की भी हो सकती है। कितनी बार ब्याज दरें बढ़ाई जायेंगी, उस पर भी कई मत है। इससे बाजार में भ्रम का माहौल और दबाव बना हुआ है।


जो भी हो ब्याज दरें बढ़ने से मार्केट में लिक्विडिटी क्राइसिस आयेगी और इससे शेयर बाजार में प्रभावशाली बिकवाली देखने को मिल सकता है। ऐसे में शार्ट टर्म ट्रेडर्स को सावधानी बरतनी चाहिए और स्ट्रिक्ट स्टाप लास मेंटेन करना चाहिए। वहीं लांग टर्म इन्वेस्टरों को, यदि ऐसा मौका मिलता है तो उसका लाभ उठाना चाहिए और निचले स्तर पर अच्छे शेयरों में खरीददारी करके बेहतर पोर्टफोलियो बनाना चाहिए।


भारत में ग्रोथ स्टोरी बहुत बेहतर है और जैसे ही यह समस्या खतम होगी, बाजार में फिर से रफ्तार दिखाई देने के आसार है। पर तब तक आपको धीरज बनाये रखना होगा।


आपके बेहतर इनवेस्टमेंट लाभ की हम कामना करते हैं। हमसे जुड़े रहने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल "Smart Bulls" को सब्सक्राइब करें। धन्यवाद।

©Tarakeshwar Dubey Inflation

#promiseday