क्यूँ तकते तकते तुझे ये रात मेरी कम पड़ जाती है! मत पूछो कैसे ये शाम कब ढ़ल जाती है, जो तुम्हे निहारु एक टक क्यूँ आँखे मेरी ये नम पड़ जाती है! मेरी तस्वीर मे कुछ ख़ास बात तो नही पर तेरे साथ मेरी ये जोड़ी सोनी बन जाती है! तुम एक मरते रूह की जान हो जैसे बिन पानी मछली ना रह पाती है! वो चाँद भी आसमान मे तड़पता रहता हो जैसे चांदनी से ये मिलन-ऐ-रात उसे भी कम पड़ जाती है! बिन लफ्ज़ो के भी क्यूँ हर बात ये हमारी पूरी होजाती है, क्यूँ तकते तकते तुझे ये रात मेरी कम पड़ जाती है! मत पूछो कैसे ये शाम कब ढ़ल जाती है..!! #Khaamosi ❤ #Jaan #Love @Nea.. ✍️🏻✍️🏻 #NojotoHindi #Nojotostories #NojotoShayri