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शख़्स वो बुझा बुझा सा है, ज़ज़्बात तले दबा दबा सा है,

शख़्स वो बुझा बुझा सा है,
ज़ज़्बात तले दबा दबा सा है,
इश्क़ में धोखा मिला शायद,
ज़माने से खफ़ा खफ़ा सा है
दिल उसका टुटा टुटा सा है,
सबसे वो रूठा रूठा सा है,
इश्क़ से भरोसा उठा शायद,
लगता सब झूठा झूठा सा है,

शख़्स वो बुझा बुझा सा है, ज़ज़्बात तले दबा दबा सा है, इश्क़ में धोखा मिला शायद, ज़माने से खफ़ा खफ़ा सा है दिल उसका टुटा टुटा सा है, सबसे वो रूठा रूठा सा है, इश्क़ से भरोसा उठा शायद, लगता सब झूठा झूठा सा है, #poem

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