दोस्ती में खाया पिया बहोत , लेकिन बिल भरा, मैंने कभी नही। जाम गले से लगाया बहोत , मग़र दिल से लगाया कभी नही। मैंने प्यार किया तो बहोत , मगर जताया, कभी नही। यू तो रो-रो कर आँसुओ से दिल भराया बहोत, मग़र आँसू पलकों से, झलकाया कभी नही। - रोहित योगी Truth of man.