कड़ी धूप में पैर जलाये हैं, असहनीय पीड़ा में तपा हूँ मैं, मुझे तोड़ना इतना आसान नहीं , मरहम को फेंकने वाला शख़्स हूँ मैं! ......... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey मरहम फेंका #beingoriginal #NojotoHindi #Poetry