मेरे इश्क़ का वो इम्तिहान ले रहे थे या सिर्फ़ मुझे परेशान कर रहे थे । जब चुपके से उनके आंखो पर हाथ रखी वो और किसी का नाम ले रहे थे । कैसे ना मन में संदेह की चिंगारी उठती पर जो मेरा सबकुछ था उससे कैसे रूठती ? इसी कश्मकश में कब से डुबा था दिल मेरा मन की हालात उनसे कहती तो कैसे कहती ? This is the part-1 of this poem. I am going to share another part soon. #yqdidi #yqbaba #yqquotes