टूटा हूँ अभी अभी पिघला है गुरूर मेरा थक कर बैठ गया जो चलता रहा एहसासों संग उम्र भर!! वक़्त की बेरुखी कहूँ या ख़ुद गर्जी मेरी ही दर दर भटकता हूँ पाने को तरसता हूँ वज़ूद ख़ुद का मैं!! सिमट गया हूँ मैं दायरा था समन्दर सा बिखर गया हूँ मैं जैसे टूट गया एहसास का फल अपने वज़ूद से!! क़िस्मत का दोष नही नियति है, कर्मों का है यह कैसा? बंधन लिप्त हुआ पीड़ा की निःस्वार्थ भक्ति में!! #पीड़ा #dard #karma #नियति #प्रारब्ध #ahsaas #feelings