मायके की चिट्ठी
आज वो बड़ी खुश थी,
मानो लंबे पतझड़ के बाद रिमझिम फुआर छाई थी,
खुशी खुद ही उसके दरवाजे पर दस्तक देने आई थी ।
नीले कागज पर बड़ी बन ठन के उतरी थी,
दरअसल ये कोई और नहीं, उसके मायके की चिट्ठी थी ।
और ये आज नहीं, दो रोज़ पहले आई थी, #nkharit#NitinDilSe