अजब मक़ाम पे काफ़िला-ए-कयाम किया ज़िंदगी ने, एक तो इश्क़ पहले ही बेजुबां था, उसपर से उनकी बेरुखियां। सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी से मेरा निवेदन है शीर्षक का आपकी रचना में होना अनिवार्य है , 🎀