Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं कविता नहीं, एक एहसास लिख रही हूं आज तुम्हारे इ

मैं कविता नहीं, एक एहसास लिख रही हूं
आज तुम्हारे इस दिन पर,
कुछ खास लिख रही हूं।
1. जब मैं तुमसे पहली बार मिली,
तो तुम बहुत अलग सी लगी,
फिर रोज तुमसे मिलने लगी और
 तुमसे बातें होने लगी,
आज तुमसे वो मिलने की बाते लिख रही हूं,
तुम बहुत खास हो , इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।
2. जब तुम मिली तो अजनबी सी थी,
अजनबी से तुम पहचान बन गई,
और पता ही ना चला ,तुम कब जान बन गई
मेरी यार तुमसे मिलने की
 पहली मुलाकात लिख रही हूं,
तुम बहुत खास हो ,इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।
3. तेरे लिए कुछ कहने को
मैं शायर बन गई,
शब्द कागज़ पर पिरोती गई,
और तेरी बात लिख गई,
मेरे मन में थी ,वो सब बाते लिख रही हूं
तुम बहुत खास हो,इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।
4.कुछ लोग बिना रिश्ते के भी,रिश्ते निभा जाते है,तुम जैसे लोग ही
सच्चे यार कहलाते है,
कमी तो नही हैं,दोस्तो की
पर तुम्हारी दोस्ती में कुछ अलग ही बात है
और तुम बहुत खास हो,
इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।।
लेखक-  प्रिया खत्री

©Priya Khatri #तुम #बहुत #खास #हो 
#मेरायार 

#AWritersStory
मैं कविता नहीं, एक एहसास लिख रही हूं
आज तुम्हारे इस दिन पर,
कुछ खास लिख रही हूं।
1. जब मैं तुमसे पहली बार मिली,
तो तुम बहुत अलग सी लगी,
फिर रोज तुमसे मिलने लगी और
 तुमसे बातें होने लगी,
आज तुमसे वो मिलने की बाते लिख रही हूं,
तुम बहुत खास हो , इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।
2. जब तुम मिली तो अजनबी सी थी,
अजनबी से तुम पहचान बन गई,
और पता ही ना चला ,तुम कब जान बन गई
मेरी यार तुमसे मिलने की
 पहली मुलाकात लिख रही हूं,
तुम बहुत खास हो ,इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।
3. तेरे लिए कुछ कहने को
मैं शायर बन गई,
शब्द कागज़ पर पिरोती गई,
और तेरी बात लिख गई,
मेरे मन में थी ,वो सब बाते लिख रही हूं
तुम बहुत खास हो,इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।
4.कुछ लोग बिना रिश्ते के भी,रिश्ते निभा जाते है,तुम जैसे लोग ही
सच्चे यार कहलाते है,
कमी तो नही हैं,दोस्तो की
पर तुम्हारी दोस्ती में कुछ अलग ही बात है
और तुम बहुत खास हो,
इसलिए कुछ खास लिख रही हूं।।
लेखक-  प्रिया खत्री

©Priya Khatri #तुम #बहुत #खास #हो 
#मेरायार 

#AWritersStory
priyakhatri6930

Priya Khatri

New Creator