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शीर्षक प्रकृति पर कविता हवाओं का रंग बदलता, सूरज

शीर्षक प्रकृति पर कविता

हवाओं का रंग बदलता,
सूरज की किरणें खिलती हैं।
मौसम की खुशहाली से,
हम सबका दिल भर जाता है।

बरसात की बूँदें गीत गाती हैं 
पृथ्वी को सजावट मिलती है।
हर कली खिलती हुई फूलों की,
खुशबू से दिल बेहलती है।

सर्दियों में ठंडी हवाएं,
दिलों को आराम देती हैं।
गरमियों में सुहानी रातें,
सपनों को सजावट देती हैं।

मौसम की खुशहाली से हम,
नई उम्मीदें ले आते हैं।
खुशियों का नया रंग देते हैं,
हर दिन नया सफर बनाते हैं।

मौसम की खुशहाली बनी रहे,
हमारे दिलों में खुशियां छाई रहे।
प्रकृति की सुंदरता का नजारा,
हमेशा हमारे दिलों में बसा रहे।

राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री 
राष्ट्रीय अध्यक्ष बहुजन स्वयंसेवक संघ महिला बिग
 बाबासाहेब जागृति मिशन

©Writer Mamta Ambedkar
  #thepredator