मिल भी गर मुझको तुम जाती रहता मैं कुछ तुमसे दूर चाह नहीं बनके रह लू इश्क़ मोह में बनके मजबूर दिल आशिक़ बस सोचेगा तेरे बारे में हरदम पंख काट के जमीं पे चलना सीखा रहा है इसको भरपूर पल दो पल उड़ान फिर थक कर जमीं पे आना है बहुत बादलों से प्यास बुझाई अब धरती पे अंबर लाना है चाँद कि चाहत सबको है उसका दिल भी माटी का दीवाना है कुछ ख्वाबों को चिंगारी दे काल को उगता सूरज दिखा कुछ अपने घर कि ईटो से कुछ छप्पर को छत्त बना बस आगे बढ़ते चलता चल मर मर कर जीते कितने जाते है तुझे जीकर मरते जाना है ©Yash Verma #aboveaverage #real_life #Moretolife #giveyourbest #meaningOfLIFE