#prakashjha_gazal ©prakash Jha इतनी भी मत पियो की ज़ख्म गेहरा हो जाए, कदम लड़खड़ा जाए और दिल सेहरा हो जाए। जो कहते है पिने को सजा उन्हें है क्या पता, पी लेंगे पीने बाले चाहे मैख़ाने पे पेहरा हो जाए। यूं तो बुत-कदे में कई फरियाद सुना आया हूं, जो सुन ली खुदा ने तो मेरा भी चेहरा हो जाए।