पुलिस की नोकरी ,कठिन परिश्रम से भरी होती है जनता के खुशी के लिए ,अपना खुशी अर्पण कर देती है। वो अपना कर्तव्य करते हुए अपने लिए थोड़ा भी मुस्कुराये तो जनता ,अनेक प्रश्न उठाने लगती हैं जैसे वो इंसान ही नही है, कोई और है क्या उसे हँसने का कोई हक नही है , जिस जनता के लिए वो सर्वस्य अर्पण कर दे देते हैं। वो जनता मुस्कुराने का तो छोड़ो अच्छे बात भी नही कर सकते है तब भी जनता का सुरक्षा उनके लिए सर्वपरि है। पुलिस के सम्मान में ।