जब जब कभी आती हूँ तेरे इनबॉक्स आंखें गीली लेकर जाती हूँ, दिल ने ये कैसा रिश्ता जोड़ा है, हँसती भी रहती हूँ रोती भी रहती हूँ। सोचती थी कभी न जी पाऊँगी तुम बिन मगर अब भी जी रही हूँ, ये और बात है कि जिंदा हूँ बाहर से मगर हर पल अंदर मर रही हूँ। ©सखी #इनबॉक्स #रिश्ता #जिंदगी #तुमबिन #मौत