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हाल-ऐ-दिल क्या उतारा पन्ने पर, निराशा की स्याही फ़

 हाल-ऐ-दिल क्या उतारा पन्ने पर,
निराशा की स्याही फ़ैल गई..!
साफ़ किरदार था जो मेरा कभी,
कालिख़ के काजल सा मैल हुई..!

©SHIVA KANT
  #ramadan #syahi