तुम्हारी गलियों से गुजरना होता है आज भी। नज़रे ढूँढती तुम्हें इन गलियों में आज भी। phone no और chats तो अभी भी save हैं याद करती हूं मैं तुम्हे phone no और chats save हैं आज भी। याद आती जब तुम्हारी तो पुरानी chats पढ़ लिया करती हूं। पर देखना जब चाहती तुम्हें सपनों में ही मिल लिया करती हूं।। ©_sa _anjh #galiya