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तुम्हारी गलियों से गुजरना होता है आज भी। नज़रे ढूँ

तुम्हारी गलियों से गुजरना
होता है आज भी।
नज़रे ढूँढती तुम्हें इन गलियों
में आज भी।
phone no और chats 
तो अभी भी save हैं
याद करती हूं मैं    तुम्हे
phone no और chats 
save हैं आज भी।

याद आती जब तुम्हारी
तो पुरानी chats
पढ़ लिया करती हूं।
पर देखना जब चाहती तुम्हें 
सपनों में ही मिल लिया
करती हूं।।

©_sa _anjh #galiya
तुम्हारी गलियों से गुजरना
होता है आज भी।
नज़रे ढूँढती तुम्हें इन गलियों
में आज भी।
phone no और chats 
तो अभी भी save हैं
याद करती हूं मैं    तुम्हे
phone no और chats 
save हैं आज भी।

याद आती जब तुम्हारी
तो पुरानी chats
पढ़ लिया करती हूं।
पर देखना जब चाहती तुम्हें 
सपनों में ही मिल लिया
करती हूं।।

©_sa _anjh #galiya
mihikasri9408

_sa _anjh

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