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खामोश नजर अधूरे प्यार का अफसाना, बयां कर देती है,

खामोश नजर अधूरे प्यार का अफसाना, बयां कर देती है,
लाख छुपाने की कोशिश करें दिल, अश्कों से भर देती है
 कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें।

√आज का विषय है ' खामोश नज़र ' ।

√ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है रोज़ी संबरीया  जी।

√ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।
खामोश नजर अधूरे प्यार का अफसाना, बयां कर देती है,
लाख छुपाने की कोशिश करें दिल, अश्कों से भर देती है
 कृपया अनुशीर्षक पूर्ण पढ़ें।

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√ आज के हमारे ' मंच प्रमुख ' है रोज़ी संबरीया  जी।

√ आपको अपनी रचना दो पंक्तियों में लिखनी है।