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परेशाँ हूँ, मगर तुम चाहो तो, मुश्किल मेरी आसाँ कर

परेशाँ हूँ, मगर तुम चाहो तो, मुश्किल मेरी आसाँ कर दो,,,,*

मैं दिल की बात कह दूँ, और तुम शरमा, के हाँ कर दो. kah dun
परेशाँ हूँ, मगर तुम चाहो तो, मुश्किल मेरी आसाँ कर दो,,,,*

मैं दिल की बात कह दूँ, और तुम शरमा, के हाँ कर दो. kah dun