मनोस्थिति हवाए बेहिसाब चल रही थी दरवाजे इधर से उधर हो रहे थे खिड़कियां खड़क रही थी windchime जोर-जोर से हिल कर बहुत आवाज कर रहा था,,,, मौसम बदल रहा था आकाश में बादल इधर से उधर दौड़ रहे थे गर्मी में थोड़ी सी ठंडक की राहत थी,,,, ऐसा मौसम अगर पहले कभी हुआ होता तो वह चहक जाती गीत गाने लगती इधर से उधर डोलती,,छत पर जाकर बादलों को निहारती,,,,,, मगर आज वो कुछ परेशान व्यथित सी है मनोस्थिति कुछ बिगड़ी बिगड़ी सी है बाहर मौसम सुहावना है मन का मौसम उदास सा है,,,,,