पिता हमेशा हमारे लिए दिन-भर धूप में तपता है। पर हमारे सामने, एक उफ़ तक न करता है। क्यूं न बोलू मै,उन्हें अपना खुदा। जो बिन कहे हमारी, हर अनकही बात सुनता है। वो पिता ही तो हैं, जो अंधेरी रात में भी हमारे साथ जगता है। वो अपना सारा दर्द भुला कर, बस हमारी ही परेशानियां दूर करता है। तो क्यूं न बोलू मैं उसे अपना खुदा, जो हर अनकही बात सुनता है। 💞love 😘 papa 💞 ♥️#पिता#♥️