रहिमन पानी राखिए बिनु पानी सब सून,पानी गए ना उबरे मोती मानुष चून ,आज जल दिवस है जो निरंतर सूखता जा रहा है पानी का दोहन तो हो रहा है लेकिन संवर्धन नही आज देश मे नहीं वरन संपूर्ण विश्व में एक महामारी व्याप्त है यह बीमारी भी इंसानी पानी के सूखने की वजह से ही है,वर्तमान राजनैतिक स्थिति में मध्यप्रदेश सरकार की प्रजातांत्रिक हत्या भी पानी सूखने की वजह से ही है उक्त कथन से आशय मात्र इतना है पानी को बचाए और संवर्धित करे चाहे वह किसी भी रुप में हो,नही थाली बजाने से काम नही चलने वाला । अजित तिवारी पर्यावरणविद #पानी रे पानी तेरा रंग कैसा#