ऐसा दर्द जाे ना हाे ताे पूर्ण औरत ना हाेने का लांछन.. हाे ताे कायदे,कानून और न जाने कितने संयम अनुशीर्षक में पढे... एक स्त्री महिने के पच्चीस दिन नाचती रहती है ,लट्टू की तरह पर छब्बीसवे दिन,वाे पस्त हाे जाती है सर दुखने लगने लगता है बदन दर्द से त्रस्त हाे जाती है गला रूंधने लगता है आँखाें में आँसू भर आता है