तुम सोचती हो मैंने सारे सिलसिले मोहब्बत के पल में ही बिताएं हैं कुछ पल मैंने इश्क़ ना करने के इसरार में ही गवाएं हैं। इसरार- ज़िद करना ,हिम्मत सिंह writing# thinking# Punjabi poetry #Hindi poetry# Urdu poetry#💔💔💔🎶🎶🎶💘💘💘💓💓💓