कबीर तन पंछी भया-जहां मन तहां उडी जाइ। जो जैसी संगती कर-सो तैसा ही फल पाइ। कबीर दास जी कहते हैं कि संसारी व्यक्ति का शरीर पक्षी बन गया है और जहां उसका मन होता है, शरीर उड़कर वहीं पहुँच जाता है-सच है कि जो जैसा साथ करता है, वह वैसा ही फल पाता है। 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' जैसा साथ वैसा फल