मोहब्बत नीलाम हो रही थी किसी,जमाना बोली लगा रहा था, में कभी गुजरा नही था वहा से, लेकिन आज कल वही से गुजर रहा था, किसी ने होटो की,किसी ने आँखों की, किसी ने खूबसूरती की कीमत लगाई, ना खरीदा जख्मो,अश्को और जज्बातो को ,ये देख कर में अकेला ही रोया जा रहा था, #_अल्फ़ाज़_# #कीमत