कल हम साथ थे हाथों में हाथ थे हमराही थे प्यार की राहों के कुछ कांटो की चूभन से तुम घबरा गए मकसद को भूल रास्ते में छोड़ गए यही भूल तुम्हें न समझ आई कांटों बिना भला फूलों ने कब रंगत पाई आज पास होकर है दूर नहीं होते समझ जाते तो दूर रहकर भी पास होते प्यार के हमारे किस्से यों बदनाम न होते प्यार के किस्से