White ख्वाहिश -ए - फरमाइश करती हूँ उससे, उसकी हिफाजत की दुआ मांगती हूं खुदा से। अंधेरे में जुगनू चमकता है जैसे, अपनी रूह में उसको बसाना चाहती हूं ऐसे। पुरवा का झोंका आता है जिस तरफ से, तभी महसूस करती हूं तुझे उस तरफ से। कबूतर से दोस्ती कर रखी है मैंने, ख्वाहिश-ए- फरमाइश उसके माध्यम से भेजना है तुझे। फासले तो काफी लंबे हैं हमारे बीच में, पर प्यार तो काफी गहरा है दरमियां हमारे। इश्क-ए- इजहार तो खुशियों के पैगाम में छिपे, ख्वाहिश -ए- फरमाइश करना तो अभी जारी हैं। ©Sam #kwaish e farmaeshein