कौन समझे ये कैसी रात है शायद कोई राज़ की बात है तुझसे मिलना अचानक और बिछड़ जाना, ना जाने ये कैसी मुलाक़ात है.. तुझसे करनी है मुझको तो बाते बहुत, पूछने ना जाने कितने सवालात है.. तूने इस कदर तन्हा है छोड़ा मुझे, तेरी सज़ा अब तो सिर्फ हवालात है... ©H!N$@✍️ #जरूरी_बात_है