कब से लिख रहा था मुक़म्मल कर दिया है, जानाँ छू के मुझको संदल कर दिया है, यूँ तो ग़म नहीं था इतना आशिक़ी का, तूने मुस्कुरा के पागल कर दिया है, दरिया बह रहा था अपनी मौज में ही, तूने फिर सुखा के बादल कर दिया है, मेरी राह में काँटे थे और क्या था, तेरे प्यार ने सब मखमल कर दिया है। Kab se likh rha tha #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqtales #yq #yqshayari