Unsplash उजाड़ जिस्म रूहें उजाड़ बैठी है ज़र्रे ज़र्रे मे लम्हें उजाड़ बैठी है करती नही सजदे हर्फो के नाराज़गी मे दिल उजाड़ बैठी है ©Dr. Kritika Joshi (psycwriter) #traveling 'अच्छे विचार' अनमोल विचार स्वामी विवेकानंद के विचार