वो जो तुतलाती जबान में भी अपनी सी लगती है , वो जो बचपन की हसीं मुस्कान सी लगती है , माँ को माँ कहना जिससे हमने सीखा , हिंदी रूपी उस मातृभाषा को बारम्बार नमन है ।2। असंख्य भाषाओं में से जो सबसे सरल और मधुरिम सी लगती है , साथ लिए चलती सबको , सबकी जो प्रिय मीत सी लगती है , ममता का जो सर्वोत्तम प्रयाय बनी , हिंदी रूपी उस मातृभाषा को बारम्बार नमन है । 2। समस्त कोलाहलों के बीच जो सबसे न्यारी सी लगती है , मृगमारीचिका बीच जो पनघट प्यारी सी लगती है , मधुरषित हैं शब्द कलश जिनके , हिंदी रूपी उस मातृभाषा को बारम्बार नमन है । 2। प्यारी तान जिसकी मुरलीधर की बांसुरी सी लगती है , प्रेम प्रकृति जिसकी राम -वैदेही मिलन वाटिका सी लगती है , पल्लवित है जो कल्पतरू सा चीर-निरंतर , हिंदी रूपी उस मातृभाषा को बारम्बार नमन है। 2। हिंदी रूपी मातृभाषा को बहुत बहुत नमन है ...